Wednesday, January 16, 2008

''सुबह का समय''


''सुबह का समय''



सुबह का समय है,


जब हम सोते रहते हैं,


तब हमें चिड़िया की,


चीं चीं करती आवाज,


सुनाई देती है,


उस आवाज से हमारी नींद,


खुल जाती है,


तब हमें मालुम होता है कि,


सुबह हो गई है,


बच्चे भी,


उठ जाते हैं,


देखते है मनोरम दृश्य,


जमीन पर,


दाने बिखरे हुए हैं,


चिड़िया उन दानों को,


चुग-चुग कर खा रही है,


पानी पी रही है,


माताऐं भी खुश हैं,


कि बच्चे भी,


चिड़ियों का देखा देखी,


कुछ खा ले रहे हैं

2 comments:

Keerti Vaidya said...

bhut khoob..yeh kavita mein apney nephew ke liye note kar rahi hun....

रश्मि प्रभा... said...

bahuuuuuut khubsurat chitran...
padhkar laga sab aankho ke aage hai