Monday, August 20, 2007

हर क्षण जियो


मत पड़ना गमों के फेर में
ये तो बिना बुलाये ही आयेगा
मत फंसना खुशियों की डोर में
ये तोड़ बंधन निकल जायेगी
बहुतों को इनके बेगानेपन का
शिकार होते देखा है
तुम्हे चेता रहा हूं
इसके फेर में, मैं सदा फंसा हूं
एक बार उलझ गये अगर
खूशियों या गमों के फेर में
तो फिर नहीं निकल पाऒगे
गमों में रहोगे गमगीन
कि ये गम शायद अब कभी इस जीवन से
नहीं जायेगा और
खुशियां भी चिंता में डाल देंगी कि
ये बड़ी मुश्किलों से मिली हैं
ना जाने इनका साथ
कब तक मिल पायेगा
सुखद जीवन जीने का मैने
तो बस यही मूलमंत्र पाया है
हर क्षण सच्चा जीवन जीयो
चाहे हों उस पल खुशियों या गम ॰॰॰॰॰

Sunday, August 19, 2007

किसे किस नजरों से देखूं॰॰॰॰॰॰

हां !!....!!!.....!!!!...!!
मैं मुसलमान हूं ......
मारो मुझे ?????
हां !!....!!!.....!!!!...!!
मैं हिंन्दु हूं ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰जला डालो मुझे
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नहीं रह गई
अब जीजीविषा !!!!!!!!!!
............इंसान तो
कहलाना नहीं
चाह रहा कोई
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ किसे
॰॰॰॰॰॰॰॰ किस
नजरों से ॰॰॰॰॰॰
देखूं... !!!!!!!!!
बता डालो मुझे ...????????

Saturday, August 18, 2007

आशावाद का दीप जला.......

आशावाद का॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीप जलाकर,
तू जिस राह॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰निकल जायेगा,
घुप्प अंधेरी॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰राहों को भी,
रोशन कर॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰कुछ कर जायेगा,
कर फैसला॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰मत घबराना
यह सोच॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰मेरा क्या होगा
इस पथपर॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰यह समझ ले तू
नहीं लील सकता॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰अंधेरा॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰वह भले ही हो
कितना गहरा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰बस
मन में रखना॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰दृढ़ता और विश्वास
बढ़ा कदम आगे॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰देखना॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰टूट जायेगा
॰॰॰॰॰॰॰॰॰अहंकार॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰अंधकार का
और वह भी॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰नजर आयेगा
छोड़ अहंकार॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰उजाले में खो
जाने को॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰बढा कदम
बढा कदम॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰बढा कदम
देखना वह भी आ जायेगा
तेरे पीछे ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ उजाले में
॰॰॰॰॰॰॰ खो जाने को ॰॰॰॰॰॰॰

Sunday, August 12, 2007

विजयी रहो जवानों॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

जब-जब हमारे देश पर
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दुश्मनों का हमला हुआ है
देश को तुमने हमेशा
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ जीत का ताज दिया है
तुम सदा विजयी, रहे हो
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ हमलावर पीछे हटे हैं
विजयी होकर, ही लौटते
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ देश कि आशा रहे हो
जब देश पर हमला हुआ
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ तब पस्त हुआ दुश्मन
तुम भी कर दिखाना
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ मातृ-भूमी की, कसम लेकर
देश की अस्मत बचाना
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दुश्मनों के पर कतरकर
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ उन्हे नीचे गिराना
देश हित को आन मानो
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ विजयी रहो जवानों

Saturday, August 4, 2007

बच्चों के हाथ में पानी का पाउच

छोटे बच्चों के हाथ में है ,
पानी का पाउच,
गर्मी इतनी तेज है॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
बच्चे हो रहे हैं,
परेशान,
पानी का पाउच लेकर,
पी रहे हैं॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
ठंडा ठंडा पानी पीना,
उन्हे अच्छा,
लगता है,
कुछ बच्चे पानी पी रहे हैं॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
कुछ पानी गिरा रहे हैं,
पानी का पाउच !!!!!!!!!!!!!!