
॰॰॰॰॰॰॰प्रार्थना॰॰॰॰॰॰॰॰
तुफानी झील से जो
पार नैय्या ले जाये
झंझावतों से लड़कर
द्रढ़ता से खड़े रह जाये
मौंजों में भी जिसके
पांव नहीं डिगे
वही है असली इंसा
जिससे ना जाने कब
हम मिलें
बातों में जिसकी
हो सच्चाई
कामों जिसके
हो दृढ़ताई
लक्ष्य जिसका हो
भला करना
हे प्रभू मुझे
उससे ही है मिलना
नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामना
1 comment:
लक्ष्य याने चिड़िया कि आंख... तभी मिलती है सफलता. सच में बहुत प्रेरणादायक रचना है ये आपकी. बधाई.....
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