Monday, August 20, 2007

हर क्षण जियो


मत पड़ना गमों के फेर में
ये तो बिना बुलाये ही आयेगा
मत फंसना खुशियों की डोर में
ये तोड़ बंधन निकल जायेगी
बहुतों को इनके बेगानेपन का
शिकार होते देखा है
तुम्हे चेता रहा हूं
इसके फेर में, मैं सदा फंसा हूं
एक बार उलझ गये अगर
खूशियों या गमों के फेर में
तो फिर नहीं निकल पाऒगे
गमों में रहोगे गमगीन
कि ये गम शायद अब कभी इस जीवन से
नहीं जायेगा और
खुशियां भी चिंता में डाल देंगी कि
ये बड़ी मुश्किलों से मिली हैं
ना जाने इनका साथ
कब तक मिल पायेगा
सुखद जीवन जीने का मैने
तो बस यही मूलमंत्र पाया है
हर क्षण सच्चा जीवन जीयो
चाहे हों उस पल खुशियों या गम ॰॰॰॰॰

2 comments:

Keerti Vaidya said...

SUPEREB........LIKHNA KOI AAP SEY SEEKHEY

Piyush (पश्चिम का सुरज) said...

bahut sundar ..
aanya rachnaye bhi bahut achchi hai