Sunday, August 19, 2007

किसे किस नजरों से देखूं॰॰॰॰॰॰

हां !!....!!!.....!!!!...!!
मैं मुसलमान हूं ......
मारो मुझे ?????
हां !!....!!!.....!!!!...!!
मैं हिंन्दु हूं ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰जला डालो मुझे
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नहीं रह गई
अब जीजीविषा !!!!!!!!!!
............इंसान तो
कहलाना नहीं
चाह रहा कोई
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ किसे
॰॰॰॰॰॰॰॰ किस
नजरों से ॰॰॰॰॰॰
देखूं... !!!!!!!!!
बता डालो मुझे ...????????

1 comment:

राजेशकुमार कुछेरिया said...

काश हर कोई ऐसा सोचे? तो कितना अच्छा हो जाए|